गुलाल गलाकर भूला दीजिए गिले-शिकवे

  




होली की बात जब भी होती है तो हमें सबसे पहले रंग दिखाई देने लगते हैं, इसके साथ ही नजर आती है खूब सारी मस्ती और धमा- चौकड़ी लेकिन होली के साथ एक वाक्य प्रचलित है बुरा न मानो होली है... यह वाक्य अपने आप में काफी गहरे अर्थ लिए हुए है। हम केवल मस्ती में किसी को रंग लगाने पर वह बुरा न माने वहां तक ही इसके अर्थों को समझ पाते हैं लेकिन वृहद अर्थों में समझा जाए तो यह वाक्य हमें बताता है कि अगर किसी से बुरा माने बैठे हो या कोई आपसे कुछ बुरा मानकर दूर हो गया है तो उसे मनाने या क्षमा करने के लिए रंगों के उत्सव से बेहतर अवसर ओर कोई नहीं हो सकता। रंगों से सराबोर होने वाले आगामी पूरे सप्ताह हम मान लें कि जीवन के सारे गिले-शिकवे भूलाकर जिंदगी को गले लगाएंगे और रंगों की तरह खिल खिलाएंगे। तो इस होली आप भी किसी के गालों पर गुलाल गलाकर भूला दीजिए सारे गिले-शिकवे।

इस होली पर आपके अपने संबंधों की ओर नजर घूमाईये। जरा दिमाग पर जोर डालकर सोचिए कि आपके संबंधों में क्या निस्वार्थ प्रेम और विश्वास है। अगर नही तो कहां कमी आ रही है। चलिए हम सबसे पहले यह समझते हैं कि संबंधों का आधार क्या है। शायद आपको लगता हो कि संबंधों का आधार विश्वास, स्नेह और सहायता है लेकिन इन सबसे जरूरी है स्वतंत्रता। जी हां क्योंकि बंधन तो घोड़े और उसकी सवारी में भी होता है लेकिन यह बंधन एकतरफा होता है, इसमें सवारी तो स्वतंत्र है लेकिन घोड़ा बंधन में है। ऐसे ही अगर रिश्ते एकतरफा होने लगे तो यह बंधन हो जाएंगे, संबंध नहीं रहेंगे, इसलिए अपने बंधनों को संबंध बनाएं, यानी समान रूप से बंधे भी रहें और स्वतंत्र भी रहें। याद रखिए स्नेह और विश्वास किसी भी संबंध के दो सिरे हैं और स्वतंत्रता संबंध की आत्मा है।

संबंधों को बचाने के लिए जरूरी है क्षमा


हमारा सारा जीवन संबंधों पर टिका है, कहीं पारिवारिक संबंध हैं तो कहीं सामाजिक और कहीं व्यापारिक संबंध। रिश्तों में आदान-प्रदान जरूरी है लेकिन कई बार जब एक पक्ष अपने प्रदान का महत्व अधिक मानने लगता है तो संबंध बिगड़ने लगते हैं।

- कभी अहंकार तो कभी मतभेद के कारण संबंधों में जब दूरियां बढ़ने लगती हैं तो ऐसे में संजीवनी का काम करती है क्षमा। जी हां क्षमा वह बुटी है जो अहंकार को विनम्रता में बदल देती है।

- क्षमा या माफी दो अक्षरों के यह शब्द कहने, सुनने और लिखने में जितने सरल होते हैं लेकिन जीवन में उतारने के लिए मुश्किल हो जाते हैं, क्षमा मांगने के लिए आपको अहंकार छोड़कर विनम्रता के धरातल पर आना पड़ता है, वहीं क्षमा करने के लिए उदारता की जरूरत होती है।

- जिस तरह पौधों को पानी, धूप और खाद की जरूरत होती है। उसी तरह संबंधों को भी समय, स्नेह और प्रेम की जरूरत होती है।

- जीवन में कुछ ऐसे संबंध होना चाहिए जिन पर हम हमेशा भरोसा कर सकें। जरूरत पड़ने पर वह हमें गले लगा सकें और हमारी गलतियों पर वह हमें समझा भी सके।

- हमेशा याद रखिए कि आप कितने ही सफल हो जाएं शौहरत और पैसा आपको केवल प्लेजर दे सकता है लेकिन सेटिस्फेक्शन के लिए आपको संबंध की ही जरूरत पड़ेगी। इसलिए संबंधों को बचाने के लिए झूकना भी पड़े तो परहेज न करें।

- अगर आप अपने जीवन में संबंधों को बेहतर ढंग से संचालित करना चाहते हैं तो अपने सेंस ऑफ ह्यूमर को डेवेलप कीजिए। कुछ छोटी-छोटी बातों को हंसी में टाल दीजिए।

- याद रखिए जीवन में कोई भी चीज कभी परफेक्ट नहीं हो सकती, क्योंकि हमें जो अच्छा लगता है। हम उसे परफेक्ट की परिभाषा में ढाल लेते हैं लेकिन जिंदगी रंगों का नाम है और रंग भिन्नता का पर्याय हैं। अलग-अलग रंगों से मिलकर दुनिया बनी है। इसी तरह अलग-अलग विचारों के लोगों से मिलकर हमारी जिंदगी बनती है।

- अपने साथ ही दूसरों के विचारों और सोच को भी सम्मान दें। अगर किसी की भूल या गलती को दिल से लगा कर बैठे हैं तो उन्हें क्षमा कर दीजिए। और अगर आपकी किसी गलती को कोई दिल से लगा कर बैठा है तो उससे क्षमा मांग लीजिए।

- रिश्तों की दूरियों को खत्म करने के लिए रंगों के उत्सव से बेहतर कोई दिन नहीं है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखिए अगर आप में क्षमा मांगने और करने की क्षमता है तो आप ईश्वर द्वारा दिए गए सर्वश्रेष्ठ गुण से सुसज्जित हैं।


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