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दिल और दिमाग की एक 'लय' है, तो सफलता 'तय' है

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  मेरा दिल करता है कि मैं यह काम करूं लेकिन मेरा दिमाग डिसिजन नहीं ले पा रहा ,   मैंने तो यह करने की ठान ली है लेकिन डर लग रहा है ,  अरे यार उस समय मैंने यह कर लिया होता तो आज मैं कहीं ओर होता… आपने अक्‍सर लोगों को यह कहते सुना होगा या फिर खुद भी अनुभव किया होगा । ऐसा क्‍यों होता है कि अक्‍सर हमारा दिल कुछ करना चाहता है लेकिन हम वह काम कर नहीं पाते।  ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि हमारे दिल और दिमाग की फ्रिक्‍वेंसी अलग-अलग है । अक्‍सर हमारे दिल की आवाज हमारे दिमाग की कसौटी पर खरी नहीं उतर पाती इसलिए हम कई काम नहीं कर पाते। जीवन में हमारी सफलता दिल व दिमाग के सामंजस्‍य पर निर्भर होती है ,  तो बस अपने दिल और दिमाग को एक लय पर ले आइये फिर  जीत आपकी  ही होगी । आपने एक गाना सुना होगा  ' दिल तो बच्‍चा है जी '    यह बोल काफी हद तक वास्‍वकिता के करीब हैं ,  हमारे दिल की चाहत बिलकुल बच्‍चों की तरह होती हैं ,  जैसे बच्‍चों को नए-नए खिलौने चाहिए ,  उसी तरह हमें भी जीवन में नई-नई चीजें चाहिए  लेकिन हमारा दिमाग व्‍यवहारिकता ,  संसाधन ,  भविष्‍य और अन्‍य आयामों पर चीजों को परखता है । कई बार हम स

अनकंडिशनल लव...

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  हम सभी प्यार करना भी चाहते हैं और प्यार पाना भी। प्यार कई रूपों में हमारे साथ हो सकता है वह परिवार से हो ,  दोस्तों से या जीवनसाथी से... लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है प्यार को समझना। हम अपने अनुभवों के आधार पर प्यार को समझते हैं ,  किसी के लिए सुंदरता के आकर्षण में खोना प्यार है तो किसी के लिए अपनी चाहत को पा लेना प्यार है। कोई महंगे उपहारों को प्यार कहता है तो कोई प्रेम संबंध खत्म होने पर खुद को दुनिया से दूर कर अपने प्यार को महान बताने की कोशिश करता है लेकिन  वास्तव में प्यार न तो किसी रंग-बिरंगे कागज में लिपटा उपहार है न ही किसी गुलदस्ते में महकता फूल। प्यार वह है जहां आपकी सारी कंडिशन खत्म हो जाती हों ,  जहां दूसरे की खुशी आपको अंदर से खुशी देने लगती हो। जब  I   LOVE YOU  में से  I  और  YOU  दोनों हट जाते हैं तब बचा हुआ  LOVE  ही अनकंडिशनल लव है। हमारे हर रिश्ते में कोई न कोई कंडिशन होती है। बचपन में हम उनसे दोस्ती करते हैं जिनके साथ खेल सकें ,  बड़े होकर उनके साथ रहना पसंद करते हैं जिनसे पढ़ाई या अन्य चीजों में मदद ले सकें। धीरे-धीरे यह हमारे व्यवहार में आ जाता है तो जब हम प्यार करते

जिंदगी का सुकून छीन सकता है आपका इरिटेशन

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  जिंदगी में बस सुकून चाहिए ... जीवन में कई बार आपने यह बात पढ़ी , सूनी या महसूस की होगी। हम कितने ही अच्छे पदों पर पहुंच जाएं , अच्छा कारोबार कर लें या प्रतिष्ठित हो जाएं लेकिन हमें जिंदगी में एक सुकून चाहिए। कहीं न कहीं सारे संसाधनों को जुटाने या सफलता हासिल करने के पीछे का उद्देश्य ही यह होता है कि हमें जिंदगी में सुकून चाहिए लेकिन इस सुकून का सबसे बड़ा दुश्मन है इरिटेशन ... जी हां आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम छोटी - छोटी बातों पर इरिटेट होने लगते हैं , कभी प्रोफेशनल वर्क हमें इरिटेट करता है तो कभी पर्सनल लाइफ। ऐसे में हम जिंदगी के सुकून को ताक पर रखकर एंग्जायटी , स्ट्रेस और डिप्रेशन की ओर चले जाते हैं लेकिन अगर सिर्फ अपने इरिटेशन पर काबू कर लिया जाए तो आप जिंदगी के सुकून को हासिल कर सकते हैं। इरिटेशन केवल एक विचार है जो उस समय हमारे दिमाग पर हावी हो जाता है जब कोई हमारे बिलिव सिस्टम से अलग बात कर देता है। असल में हमने