जो परिस्थिति देखकर मनःस्थिति बदल दे वही गुरू है...
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गुरू... दो अक्षर का यह शब्द हमारे पूरे जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित करता है। अगर परंपरागत ढंग से कहा जाए तो जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला व्यक्ति गुरू है लेकिन वास्तव में जीवन का अंधकार है क्या... इसे जानना बहुत जरूरी है। जैसे किसी रास्ते पर रोशनी के अभाव में अंधकार अपना वर्चस्व बना लेता है और राहगीर को कुछ समझ नहीं आता कि उसे जाना कहां है , वैसे ही जीवन में असमंजस का अंधकार हमारे जीवन को दिशाहीन कर देता है। बस इसी अंधकार को दूर कर हमें सही दिशा दिखाने वाला व्यक्ति होता है गुरू। जीवन में हमारे कई गुरू हो सकते हैं , हमारे ईष्ट जिनकी हम पूजा करते हैं , माता-पिता जो हमें संस्कार देते हैं , शिक्षक जो हमें पढ़ाते हैं लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा गुरू भी हमारे साथ होना चाहिए , जो हमारा मार्गदर्शक भी हो और सलाहकार भी। यह वो गुरू हैं जो आपकी परिस्थिति को समझकर आपकी मनःस्थिति को सही दिशा दे दे , इसके अलावा बाकी सब उपदेश हैं। क्योंकि उपदेश देने के लिए तो बहुत लोग मिल जाते हैं लेकिन सही सलाह के साथ हमें समझकर राह दिखाने वाला गुरू मुश्किल से मिलता है। गुरू वह है जिस पर हम बिना