जीवन में शांति चाहिए तो करना पड़ेगा ''मन से संवाद''
हम सभी को जीवन में शांति चाहिए । कभी हम इसे संसार में ढूंढते हैं तो कभी संन्यास में , कभी ध्यान में ढूंढते हैं तो कभी भजन में लेकिन जहां हम इसे ढूंढने जाते हैं मन कहता है कि शांति यहां नहीं वहां मिलेगी । असल में मन का स्वभाग ही हमें भ्रमित करना है , मन का स्वभाव ही है कि वह कहीं लगता नहीं , इसलिए मन को कहीं लगाने की कोशिश मत कीजिए। मन को समझने की कोशिश कीजिए और उससे संवाद कीजिए। तभी जीवन में आत्मीय शांति मिलेगी। असल में हमारा मन रियालिटी और इमेजिनेशन में फर्क नहीं कर पाता , जैसे हम कोई सपना देखते हैं तो हम घबरा जाते हैं , पसीना आने लगता है , कभी-कभी तो हम चिल्लाने भी लगते हैं। हमारा मन इमेजिनेशन में भी हमारी बॉडी के साथ वैसा ही स्वभाव करता है जैसा रियालिटी में करता है। जैसे ही हमारा सपना खत्म होता है या नींद खुलती है तो हम वास्तविकता को रिकॉल करते हैं और नॉर्मल हो जाते हैं , बस ऐसा ही हमें जीवन के साथ करना है। अगर आपके साथ कुछ बुरा हुआ , आपसे कोई गलती हुई या कोई बात आपके मन को कचोट रही है तो यह याद रखिए कि बीते हुए कल की बात को न हम बदल सकते हैं और न ही वह हमारे वर्तमा