जीवन के अंधकार में रोशनी है "गुरु"
इस संसार में हर व्यक्ति कुछ न कुछ सीखता है। हर पीढ़ी और हर युग से यह क्रम निरंतर चल रहा है। हम सभी किसी कला को, किसी विज्ञान को या जीवन के सत्य को समझने का प्रयास करते हैं और इस प्रयास में जो हमारा मार्गदर्शन करते हैं, वह गुरु है। जीवन के अंधकार में जो रोशनी दिखा दे वही गुरु है। हमारे कई गुरु हो सकते हैं, हमारे ईष्ट जिनकी हम पूजा करते हैं, हमारे माता-पिता जो हमें संस्कार देते हैं, हमारे शिक्षक जो हमें पढ़ाते हैं लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा गुरु भी हमारे साथ होना चाहिए, जो हमारा सलाहकार भी हो और मार्गदर्शक भी। यह वो गुरु हो जो आपकी परिस्थिति को समझकर आपकी मन:स्थिति को सही दिशा में ले जाए, इसके अलावा बाकी सब केवल उपदेश हैं। गुरु की महिमा को समझने के लिए आपको यह जानना होगा कि अंधकार क्या है। वास्तव में अंधकार का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। केवल रोशनी की अनुपस्थिति ही अंधकार है, अगर रोशनी आ जाए तो अंधकार खुद ही समाप्त हो जाता है। ऐसे ही जीवन में गुरु के आते ही हमारे जीवन का असमंजस समाप्त हो जाता है। हमें अंधेरे में खोए रास्ते पर आगे बढ़ने का मार्ग नजर आने लगता है। गुरु वही है जो आपके रा