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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीवन के आसमान में बनाईये खुशियों का इंद्रधनुष

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    मुझे यह काम करने में मजा नहीं आ रहा , मैं कुछ नया करना चाहता हूं , मैं नौकरी नहीं करना चाहता ,   मैं डांस में अपना करियर बनाना चाहता हूं , मैं अपने करियर को फिर से शुरू करना चाहती हूं , मैं घर के काम के साथ कुछ क्रिएटिव करना चाहती हूं… आपने अक्‍सर लोगों को यह बात कहते सुना होगा या आप भी कई बार यह बातें सोचते होंगे लेकिन जैसे ही हमारे मन में कुछ नया व रचनात्‍मक करने का विचार आता है एक रूकावट उस जोश में बाधा बन जाती है '' लोग क्‍या कहेंगे '' बस यह सोचकर हम अपने दिल के अरमानों को खत्‍म कर लेते हैं लेकिन अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो यह गलत है । आप खुशियों को टालने की जगह उन्‍हें जीने की कोशिश कीज‍िए। खुश रहने के लिए आपको किसी संसाधन की जरूरत नहीं है , केवल वह काम करें जिसे करने में आपको मजा आ रहा है , फिर जीवन के आसमान में आप खुशियों का इंद्रधनुष बना लेंगे । अगर आप छात्र हैं तो आपको लगता होगा कि डॉक्‍टर , इंजीनियर या सीए बन जाऊं , फिर खूब खुश रहूंगा । अगर आप व्‍यापारी हैं तो आपको लगता होगा कि बड़ी दुकान-गोदाम हो जाए तो फिर मजे करूंगा। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो सोचते हो

नतीजों के सपनों में नहीं, काम की लगन में लाएं "सकारात्‍मकता"

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  आपने एक शब्‍द सुना होगा सकारात्‍मक सोच या पॉजीटिव थिंकिंग । छात्र हो या खिलाड़ी , नौकरीपेशा हो या व्‍यापारी हर कोई अपने जीवन में सकारात्‍मक सोच लाना चाहता है , दूसरी ओर कोच हो या शिक्षक हर कोई अपने अनुयायी को सकारात्‍मक सोच की घुट्टी पिलाना चाहता है लेकिन इस प्रक्रिया में हम थोड़ी सी गलती करते हैं । सकारात्‍मक सोच का अर्थ है अपने काम को सकारात्‍मक बनाना न की केवल नतीजों के सकारात्‍मक सपनों में खो जाना । हम अपने कर्म , लगन और व्‍यवहार को सकारात्‍मक करने की जगह केवल मन चाहे नतीजे के सकारात्‍मक सपने पर फोकस करने लगते हैं और सोचतें हैं कि यह हमारी पॉजीटिव थिंकिंग हैं। ऐसे में हमारे सफलता के प्रयास में कमी आ जाती है और हमारे सपनों का महल गिर जाता है , फिर हम टूटने लगते हैं । नकारात्‍मकता हम पर हावी हो जाती है । ऐसे में जरूरत है कि हम सकारात्‍मकता के वास्‍तविक अर्थ को समझें । सकारात्‍मक सोच यह है कि हम अपनी काबिलियत पर विश्‍वास करें , लगन से काम में जुटें और पूरी ऊर्जा से काम को पूरा करें । फिर नतीजे अपने आप सकारात्मक हो जाएंगे । जीवन में सकारात्‍मक सोच का होना बहुत जरूरी है ।

सबकुछ आपके खिलाफ हो तो भी खुद के साथ खड़े रहिए

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  आज का दौर जीत का दौर है। हर जगह सिर्फ जीत का शोर है । जीत , विजय या सफलता को हमने इतना महत्‍व दे दिया है कि हारने वाला हमें पसंद ही नहीं । भले वो नेता हो या खिलाड़ी या हमारे परिवार का सदस्‍य । हमें अपनी संतान , अपने संबंधी और अपने दोस्‍त भी हमेशा जीतने वाले ही चाहिए लेकिन जो हार गए हैं वे भी निराश न हों क्‍योंकि उनकी हार और संघर्ष में ही उनकी सफलता की चाबी छूपी हुई है । केवल जरूरत है स्‍वयं की हार व दूसरे की जीत के अध्‍ययन की । अगर हम ईमानदारी से अपनी ग‍लतियों को सुधारें और सफल व्‍यक्ति का अनुसरण करें। तो हमें जीत की ओर अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता। मैंने स्‍कूल के दौरान ब्रिटिश लेखक विलियम एडवड हिक्‍सन की एक कविता पढ़ी थी ''TRY AGAIN'', बड़ी रोचक व प्रेरणादायक कविता में उन्‍होंने बताया है कि जीवन में सफलता का एक ही नियम है कोशिशें जारी रखें , अगर आपने प्रयास किया लेकिन आपको सफलता नहीं मिली फिर कोशिश जारी रखें , हार की शर्मिंदगी को छोडि़ए , अपमान या अवसाद की भावना को मन में मत ला‍ईए , फिर से प्रयास कीजिए । मैं इस संदेश में बस  एक बात ओर जोड़ना चाहता हू

''काश'' के बादल छांटिए, उम्‍मीदों का सूरज जगमगाएगा

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जीवन में हमें कल्‍पनाओं में जीने की आदत होती है। जिन चीजों को हम हासिल करना   चाहते हैं उन्‍हें अपनी कल्‍पनाओं में तलाशने लगते हैं। कल्‍पनाओं का यह संसार   इतना सुखद होता है कि वास्‍तविकता से परे हमें इसमें जीने में मजा आने लगता   है और जब वास्तविक जीवन के परिणाम कल्‍पनाओं की तरह नहीं होते तो हम   दुखी होने लगते हैं।   हम जीवन में एक काश बना लेते हैं और हमेशा यह सोचते   रहते हैं कि  '' काश ''  ऐसा हुआ होता तो आज मैं बहुत सुखी होता।   धीरे-धीरे   यह   '' काश ''  ही हमारे दुखों का कारण बन जाता है और हम वर्तमान जीवन के आनंद से विमुख हो जाते हैं। मेरा मानना है कि आप  '' काश ''  के बादलों को जीवन से छांटिए ,  उम्‍मीद का सूरज आपको नजर आने लगेगा और आपके जीवन में एक नया उजास होगा। '' काश ''  याने हमारी कल्‍पनाओं का संसार और कल्‍पनाओं का संसार याने वो सभी चीजें इन्‍हें हम हासिल नहीं कर सके लेकिन उनकी कल्‍पनाएं हमें सुखद अनुभव देती हैं। ऐसी कल्‍पनाएं हमें वर्तमान जीवन से दूर ले जाती हैं और हम वास्तविकता में जीना छोड़ देते हैं।