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टीनएज में खुद से किया वादा दिखाता है जिंदगी की राह

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  आपने अक्‍सर गुटखा खाते , सिगरेट का धुआं उड़ाते या शराब का पैग बनाते लोगों के मूंह से एक बात सुनी होगी , अरे शुरू से यह आदत लग गई अब छूटती नहीं है । कभी किसी मौन रहने वाले या इंट्रोवर्ड इंसान के बारे में सुना होगा कि अरे यह शुरू से ऐसा ही है। इसी तरह बहुत अच्‍छे खिलाड़ी , वक्‍ता या प्रोफेशनल के बारे में भी सुना होगा कि अरे इसने शुरू से ही यह ठान लिया था कि इसे यह करना है लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि हर उदाहरण में कहा जाने वाला यह शब्‍द शुरू से ही असल में शुरू कब होता है । मैं आपको बताता हूं असल में यह शुरू से … शब्‍द शुरू होता है हमारी टीनएज से … जी हां टीनएज यानी थर्टीन से नाइनटीन ईयर के बीच के सात साल । यह हमारी जिंदगी की वह  सीढ़ी हैं जो हमारी जिंदगी की वास्‍तविक शुरूआत है। टीनएज में खुद से जो वादा कर दिया वह जिंदगी भर साथ देता है और अगर इस समय लड़खड़ा गए तो जिंदगी में संभलना मुश्किल हो जाता है। बात करीब दो दशक पुरानी है मेरा 13वां जन्‍मदिन था , मेरे दादाजी श्री प्रेमनारायण अवस्‍थी अपने कड़क मिजाज और अनुशासन के लिए जाने जाते थे , जन्‍मदिन के दिन सुबह उन्‍होंने मुझे बुला

अपने शौक से करो दोस्ती, आसान हो जाएगी जिंदगी

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  आज जीवन की आपाधापी में हमें रोजमर्रा के कामों को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। जिंदगी इतनी तेजी से भाग रही है कि नींद पूरी करो तो एक्सरसाइज छूट जाती है और एक्सरसाइज में समय दे दो तो नाश्ता छूट जाता है। इस भागदौड़ के साथ तालमेल बिठाते हुए हम अपने प्रोफेशनल काम तो पूरे कर लेते हैं लेकिन अपने शौक अपनी हॉबी को पीछे छोड़ देते हैं, जबकि हॉबी हमारी साइलेंट फ्रेंड है। इसके साथ समय बिताकर हम अपने मन को भी हल्का कर सकते हैं और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के लिए भी रिफ्रेश हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसा चाहते हैं तो अपने शौक से करो दोस्ती, आसान हो जाएगी जिंदगी। हम कई बार जीवन में अकेले हो जाते हैं, अपने रूटीन कामों से थक जाते हैं। कभी मन नहीं लगता तो कभी बेवजह के ख्याल मन को घेरने लगते हैं। ऐसे में हमारे शौक हमारे साथी बनते हैं। आप अगर अपनी हॉबी को अपना प्रोफेशन बना लेते हैं तो बहुत बेहतर है लेकिन अगर आप ऐसा नहीं भी कर पाए हैं तो भी अपने शौक को जिंदा रखिये, खाना पकाइये, बागबानी कीजिये, कुछ लिखिये, नई भाषा सीखिये, संगीत सुनिये या गाना गाइये लेकिन अपनी भावनाओं को बाहर लाइये। शौक या हॉबी एक ऐसा साईलेन्ट फ्र

जियो तो हर पल ऐसे जियो जैसे कि आखिरी हो

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हम सभी जिंदगी जीना चाहते हैं लेकिन अधिकांश समय हम केवल जिंदगी को अपनी सोच और ख्‍यालों में ही जीते हैं । जैसे कि जब वहां थे तब कितना मजा आता था , स्‍कूल-कॉलेज के दिन कितने अच्‍छे थे या जब मेरी लाइफ में जब ऐसा हो जाएगा तो मैं खुश हो जाऊंगा लेकिन अधिकांश समय ऐसा हो नहीं पाता क्‍योंकि हम अपनी खुशियों , शौक और मौज को टालते रहते हैं । हमेशा भविष्‍य में दिखने वाले सुनहरे सपने वर्तमान में आते तक जिम्‍मेदारियों का बोझ ले आते हैं और हम खुलकर नहीं जी पाते। ये जिंदगी अपनी रफ्तार से चलती रहती है , कभी हमें लगता है हम पिछड़ गए तो कभी लगता है कि हमें सही समय का इंतजार करना है लेकिन जिंदगी आगे बढ़ते हुए हमें हमेशा एक ही संदेश देते हुए जाती है कि जियो तो हर पल ऐसे जियो जैसे कि आखिरी हो । छोटी-छोटी बातों में ओवर थिंकिंग करना बंद कर दो । जीवन में वक्‍त कम है तो अभी इंजॉय करो , अपने सारे शौक दिल से पूरे करो , प्रकृति का मजा उठाओ , जीवन व मृत्‍यु हमारे हाथ में नहीं है लेकिन उसके बीच में जो है वह हमारे हाथ में हैं । जिंदगी में हमें अपनी बेस्‍ट स्‍टोरी लिखना है , समय , संसाधन , परिस्थिति , परिवार की समस

अनुभव की कला से ''लाइफ का फार्मूला'' सीखाते हैं शिक्षक

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आज उनका दिन है जिनके ज्ञान ने संवारा मेरा हर एक दिन है… जी हां मैं बात कर रहा हूं शिक्षकों की। शिक्षक हमारे जीवन के वह महत्‍वपूर्ण शख्‍स जिनके कारण हम स्‍वयं का निर्माण कर पाते हैं। शिक्षक हमें केवल गणित , भूगोल , विज्ञान ही नहीं पढ़ाते बल्कि हमारे जीवन के सवालों को सुलझाते हैं , रास्‍ता भटकने पर राह दिखाते हैं और जिंदगी की कला को सिखाते हैं। वास्‍तव में शिक्षक अपने अनुभव की कला से हमें लाइफ का फॉर्मूला सीखा देते हैं और जो इस फॉर्मूला को सीख लेते हैं , वह जीवन में कभी असफल नहीं होते। आचार्य चाणक्‍य ने कहा था कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होता , प्रलय और निर्माण उसकी गोद में खेलते हैं। वास्‍तव में शिक्षकों में वह सामर्थ होता है कि वे एक साधारण  मनुष्‍य को असाधारण प्रतिभा का धनी बना सकते हैं। शिक्षकों के महत्‍व को इसी बात से समझा जा सकता है कि अगर द्रोणाचार्य नहीं होते तो अर्जुन नहीं होते , अगर रामकृष्‍ण नहीं होते तो विवेकानंद नहीं होते , अगर आचरेकर नहीं होते तो तेंदुलकर नहीं होते। दुनिया में हर सफल व्‍यक्ति के निर्माण में एक कुशल शिक्षक का योगदान होता है। हमें अपनी जिंदगी को संवा