क्या आप खुशियों को भी टालते हैं कल पर
संत कबीर दास जी का एक दोहा है काल करे सो आज कर , आज करे सो अब... इसमें उन्होंने अपने कामों को कल पर नहीं टालने की सलाह दी है , खैर मैं आज काम को लेकर बात नहीं कर रहा बल्कि बात कर रहा हूं टालने को लेकर। जी हां किसी चीज को टालने को लेकर हम एक आदत बना लेते हैं कभी पढ़ाई , कभी काम , कभी जिम्मेदारी तो कभी ओर कुछ लेकिन इस टालने की आदत के बीच हम कब अपनी खुशियों को टालने लगते हैं हमें पता ही नहीं चलता। हमारे जीवन में ऐसे सैकड़ों पल आते हैं जिन्हें हम इंजाॅय कर सकते हैं लेकिन टालने की आदत के कारण हम इन खुशियों को भी टालने लगे हैं , तो चलिए आज समझते हैं कि कैसे हम टाल रहे हैं खुशियों को और कैसे हम अपनी खुशियों को टालने की जगह उन्हें जीना सीख सकते हैं। चलिए