चिराग से निकले जिन्न की तरह होता है "दोस्त"

 


अंग्रेजी में दोस्ती पर एक कहावत है A friend in need is a friend indeed इसका अर्थ है कि सच्चा मित्र वही है जो समय पर काम आए... अगर हम अपने शब्दों में कहें तो दोस्त बिलकुल चिराग से निकले जिन्न की तरह होता है कि मुसीबत में हम चिराग रगड़ें और जिन्न (दोस्त) सामने आकर कहे कि बोल अब क्या रायता फैलाया है, जिसे समेटना है। दोस्ती का रिश्ता होता ही इतना खास है कि उसमें कोई कंडिशन नहीं होतीं। यह एक बहुत ही अनोखा रिश्ता है जो कभी घाव पर मरहम बन जाता है तो कभी तेज धूप में छांव। हमारा सच्चा दोस्त वह है जो मुश्किल समय में हमारे कंधे पर हाथ रखकर कह दे कि मैं हूं ना, सब ठीक हो जाएगा।

दोस्‍ती कोई समझौता या कारोबार नहीं है जिसमें लेन-देन किया जाए, बल्कि यह तो प्‍योर बॉन्‍ड है जो हमें समझता भी है और समझाता भी है, इसलिए हमारे दोस्‍तों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी हैसियत क्‍या है, हम कैसे दिखते हैं या हम क्‍या करते हैं। दोस्‍त तो वह हैं जिन्‍हें खुद पता चल जाता है कि हमें उनकी जरूरत कब है, उनके क्‍या करने पर हम खुश होंगे, कैसे वह हमें हमारी मुश्किल से बाहर निकाल पाएंगे। दोस्‍ती वह पॉवरबैंक है जो आपकी लाइफ के मोबाइल की बैटरी को कभी डाऊन नहीं होने देती।

हम इस धरती पर कई संबंधों के साथ जन्‍म लेते हैं। माता-पिता, भाई-बहन और रिश्‍तेदार यह सब हमारे जन्‍म के आधार पर तय होते हैं लेकिन दोस्‍ती एक ऐसा संबंध है जिसका चयन हम स्‍वयं करते हैं। आमतौर पर हम उसे दोस्‍त मानते हैं जो हमारे साथ पढ़ता है, काम करता है, खेलता है या मौज मस्‍ती करता है लेकिन इसके वास्‍तविक मायने काफी गहरे हैं। वास्‍तव में मुश्किल समय में कंधे पर हाथ है दोस्‍ती, टूट जाने पर आगे बढ़ने का साथ है दोस्‍ती, कभी अवसर, कभी उल्‍लास तो कभी विश्‍वास है दोस्‍ती। जो आपकी खुशी में नाचे भी और आपकी गलती पर डाटें भी वही है सच्‍ची दोस्‍ती।

जीवन में हम अलग-अलग चीजों को हासिल करना चाहते हैं जिससे हम शक्तिशाली बन सकें। कोई शस्‍त्र को, कोई शास्‍त्र को, कोई बुद्धि को तो कोई बल को हासिल करना चाहता है लेकिन यकीन मानिए इन सबसे अधिक शक्तिशाली अगर कुछ है तो वह है दोस्‍ती। हां क्‍योंकि दोस्‍ती कठिनाई में हमारा शस्‍त्र है तो मार्ग भटकने पर हमारा शास्‍त्र, असमंजस में बुद्धि है तो विश्‍वास खोने पर हमारा आत्‍मबल।

कौन है आपका सच्‍चा दोस्‍त


विश्‍वास – दोस्‍ती का पहला आधार है विश्‍वास, अपने दोस्‍त पर पूरा भरोसा रखना, दोस्‍ती के बीच संदेह को कभी नहीं आने देना।

साथ – जब दोस्‍त किसी मुश्किल में हो तो उसके साथ खड़े रहना, भले ही कितने ही कठिन हालात हों लेकिन दोस्‍त का साथ नहीं छोड़ना।

समय – समय वह चीज है जिसको लेकर हम अक्‍सर नहीं होने के बहाने बनाते हैं लेकिन दोस्‍त को जरूरत हो तो उसे अपना समय देना सबसे जरूरी है।

समर्पण – आपके प्रति समर्पित व्‍यक्ति जो आपकी खुशी को बढ़ाने के लिए और आपके दर्द को कम करने के लिए खुद का समर्पण कर दे।

निंदक – अगर आप कोई गलत काम कर रहे हैं या गलत राह पर हैं तो आपको डांटे और आपको छोड़ने की जगह झगड़ा कर आपको वापस सही राह पर लाए।

बदले नहीं – सच्‍चा दोस्‍त आपको कभी बदलने का प्रयास नहीं करेगा, आप जैसे हो उसी स्‍वरूप में आपको स्‍वीकार करेगा।

आपको फ्रेंडशिप डे की ढेर सारी शुभकामनायें....... आपका दोस्त, आपका सुमित

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