जीवन निर्माण की अभिव्यक्ति हैं "पिता"

 


कोई आपको जीवन में आगे बढ़ने का हौंसला देता है तो कोई शुभकामनाएं, कोई शिक्षा देता है तो कोई प्रशिक्षण, कई लोग आपकी कामयाबी के लिए प्रार्थना भी करते हैं लेकिन पूरी दुनिया में एक ही ऐसा इंसान है जो आपको खुद से ज्यादा कामयाब देखना चाहता है वह है पिता जी हां अप्रदर्शित अनंत प्रेम की वह परिभाषा जिसे समझने में हमारी आधी जिंदगी बीत जाती है। पिता का प्रेम हमें दिखाई नहीं देता लेकिन हमारी बुनियाद मजबूत करता है। मां अगर हमें पैरों से चलना सिखाती है तो पिता पैरों पर खड़े होना। तो चलिए आज फादर्स डे पर बात करते हैं हमारे जीवन में पिता की भूमिका पर।

पिता के नाम से ही हम दुनिया में अपनी पहली पहचान पाते हैं और हमारी सफलता और प्रतिष्ठा भी उन्हीं की बदौलत होती है, क्योंकि भविष्य की उंचाईयों के लिए वे हमारी नींव को मजबूत करते हैं। वे हमारी जड़ों को सींचते हैं जिससे हमारे जीवन में सफलता के फल और प्रतिष्ठा के फूल खिल सकें। सरल शब्दों में कहा जाए तो पिता हमारे जीवन के निर्माण की अभिव्यक्ति हैं। वास्तव में पिता वह होता है जो अपनी इच्छाओं का हनन कर परिवार की प्रतिपूर्ति करता है।

पिता से संबंधों को गहरे और स्वतंत्र रखने के लिए शायद यह बात कहना जरूरी है कि पिता का सम्मान और उनसे विचारों में भिन्नता दोनों अलग-अलग चीजें हैं। पिता के सम्मान का यह कतई मतलब नहीं है कि आप उनकी हर बात से सहमत हों। पिता के साथ जनरेशन गैप, परिस्थितियां और वैचारिक भिन्नताओं के कारण डिफरेंस ऑफ़ ओपिनियन होगा और होना भी चाहिए। आप उन्हें अपने विचारों से अवगत कराएं, अपनी बात रखें लेकिन उनका दिल दुखाएं और उन्हें अपने से दूर करें। पिता के साथ आपका रिश्ता जब सबसे खूबसूरत हो जाएगा जब आप दोनों एक-दूसरे को समझें भी और समझाएं भी।

हमेशा हमें आशीष देने वाला इंसान है पिता    

- जीवन में आपसे गलती हो जाए, आपका समय खराब हो या आप किसी परेशानी में फंस जाएं, पिता हमेशा आपके साथ खड़े दिखाई देंगे। बस यह याद रखें कि जब उन्हें जरूरत हो तो हम भी उनके पास खड़े हों।

- हमें जीवन का वह समय कभी नहीं भूलना चाहिए जब पिता ने हमारे लिए अपनी कितनी इच्छाओं का हनन कर हमारी ख्वाहिशों को पूरा किया, जीवन में जब खुद काबिल बन जाएं तो उनके अधूरे सपनों को पूरा करें।

- अगर आप माता-पिता के साथ रहते हों तो दिन में एक समय का भोजन उनके साथ करें, साथ में चाय पीयें, कुछ चर्चा करें और विचारों को साझा करें।

- अगर माता-पिता से दूर रहते हैं तो कम से कम दिन में एक बार उनसे बात करें, उनका दिन कैसा बीता यह पूछें और अपने बारे में बताएं।

- पिता के विचारों को जानें, वे आपसे क्या उम्मीद करते हैं, उन्हें समझें और अपनी भविष्य की योजनाओं को भी उनसे साझा करें।

- माता-पिता को अपने साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा करें, अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से संस्कार और चरित्र निर्माण की शिक्षा दिलाएं।

- अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो यकीन मानिए आप दुनिया के खुशकिस्तम इंसान हैं क्योंकि आपके पास पिता का साथ है, पिता ही स्वाभिमान है और पिता ही अभिमान है।

.......... आपका सुमित

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