पतझड़ के बाद ही आते हैं दिन बहार के...

आपने एक वाक्य जरूर सुना होगा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है... कुछ स्थायी नहीं है, समय के साथ सबकुछ परिवर्तित होता रहता है। जीवन में सफलता या असफलता कुछ भी स्थायी नहीं है। इसके बावजूद कई बार हम अपनी छोटी सी असफलता, कार्यभार या लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने के कारण खुद को हारा हुआ मान लेते हैं लेकिन यह सही नहीं है। जैसे मौसम में पतझड़ के बाद बहार आती है, वैसे ही जीवन में संघर्ष के बाद सफलता जरूर मिलती है। इसलिए छोड़ दीजिए जीवन से हारकर जीना। जहां जरूरी हो वहां खुद में समय और परिस्थिति के अनुसार परिवर्तन कीजिए। अगर आप इसमें सफल हो गए तो आप कभी आउटडेटेड नहीं होंगे।

इन दिनों आप अपने आसपास के वातावरण पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि पतझड़ का मौसम है। पेड़ों से पत्ते गिर रहे हैं और कुछ दिनों बाद उनकी शाखाएं वीरान नजर आने लगेंगी लेकिन यह परिवर्तन नवसृजन के लिए है। कुछ दिन बाद इन शाखाओं पर नई कोपलें आएंगी और प्रकृति को सुंदरता से भर देंगी, इसे हम वसंत कहेंगे। तो अगर आपको भी अपने जीवन में वसंत या बहार का इंतजार है तो याद रखिए बहार पतझड़ के बाद ही आएगी। अपने जीवन से ऐसी सारी पुरानी चीजों का पतझड़ कर दीजिए जो आपके लिए उपयोग नहीं। जैसे किसी के प्रति क्रोध, दूसरे की सफलता से ईर्ष्या, अनावश्यक भय, गलाकाट प्रतिस्पर्धा और व्यर्थ का तनाव। इनके पतझड़ के बाद सृजन कीजिए रचनात्मकता का, नवाचार का, स्नेह का, सहयोग का और आपसी सामंजस्य का। फिर देखिए आपके जीवन में कितना खिलता हुआ वसंत आता है।

जीवन में कोई भी चीज स्थायी नहीं हैं। हम स्वयं या हमारा पेशा या व्यवसाय भी नहीं। कल हम भी किसी के स्थान पर आए थे और कल हमारे स्थान पर भी कोई आएगा। हमेशा इस परिवर्तन के लिए तैयार रहें। परिवर्तन के दौरान हम सबसे अधिक परेशान इसलिए होते हैं, क्योंकि जो छूट जाता है उसकी तकलीफ हमें होती है लेकिन हमेशा याद रखें कि जब भी कुछ छूटता है तो कुछ कुछ मिलता भी जरूर है। तो जो छूट गया उसका दुख मनाने की जगह जो मिलने वाला है या मिला है उसका आनंद मनाएं।

ऐसे ढालें खुद को परिवर्तन के साथ

  • किसी भी नई तकनीक, नए विचार या नए दृष्टिकोण का स्वागत करें, उसे समझें और अपनी मौजूदा स्थिति को उसके साथ अपग्रेड करें।
  • नई जिम्मेदारी, स्थानांतरण और नए टारगेट मिलने पर कभी खुद को कमजोर समझें, बल्कि उन्हें हासिल करने के लिए योजना को अपग्रेड करें।
  • अगर असफलता मिले तो उसका मूल्यांकन कर समझें कि चूक कहां हुई, उसकी समीक्षा करें और अपनी योजनाओं क्रियान्वयन को अपग्रेड करें
  • आप किसी भी प्रोफेशन में हों - मौजूदा शिक्षा, बाजार का ट्रेंड और सोशल मीडिया आपको प्रभावित करेंगे इसलिए इनके परिवर्तनों के साथ खुद को अपग्रेड करें।
  • किसी भी फिल्ड में परिवर्तन कर चुके व्यक्ति को मेंटर बनाएं, उसका मार्गदर्शन लें और खुद में परिवर्तन कर अपनी स्कील्स को अपग्रेड करें।
  • जीवन में अगर आपने लगातार सकारात्मक परिवर्तनों से खुद को अपग्रेड कर लिया तो आप कभी आउटडेटेड नहीं होंगे बल्कि एवरग्रीन रहेंगे।

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