सुकून कमाना है तो किसी का सहारा बनिये

 



आज के दौर में डिजिटल मार्केटिंग हावी है, आप अक्‍सर पढ़ते और देखते होंगे विडियो-फोटो को शेयर कर हजारों कमाईये, डिजिटल पेमेंट कर कैशबैक कमाईये और ऑनलाइन शॉपिंग कर स्‍क्रैच कार्ड कमाईये लेकिन दुनिया की आपाधापी और जिंदगी की भागदौड़ में हम एक चीज कमाना भूल ही जाते हैं, वह है सुकून। अगर आपको संतोष की अनुभूति हासिल करना है और जीवन में खुश रहना है तो दूसरों की मदद कर सुकून कमाईये

हर धर्म और शास्‍त्र में कहा गया है कि हमें सिर्फ अपने लिए नहीं दुनिया के लिए भी जीना चाहिए क्‍योंकि जब तक हममें शेयर‍िंग की आदत नहीं हैं तब तक हम जो भी कमा रहे हैं या संचय कर रहे हैं उससे संतोष नहीं मिलेगा। दुनिया खाली-खाली सी लगेगी लेकिन जैसे ही हम दूसरों की मदद करना शुरू करेंगे हमें जीवन में संतुलन नजर आने लगेगा। क्‍योंकि किसी चीज को बांटने पर आपका दिल खुलता है और आप अच्‍छा फील करते हैं। किसी की मदद करने के बाद मिलने वाले आनंद की अनूभूति अमूल्‍य होती है

जब किसी की मदद करने की बात आती है तो हम सिर्फ आर्थिक मदद के बारे में सोचते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि हम दूसरों की मदद करें लेकिन आप यकीन मानिए किसी की मदद करने के लिए पैसों की जरूरत नहीं है। अगर आप किसी की मदद करना चाहते हैं तो अपने समय, शिक्षा, हूनर और अनुभव के आधार पर भी किसी की मदद कर सकते हैं



किसी की मदद करने का तरीका बहुत आसान है। अगर आप शिक्षक या इंजीनियर हैं तो जरूरतमंद विद्धार्थियों को निशुल्‍क प्रशिक्षण दे दें, अगर आप डॉक्‍टर हैं तो सप्‍ताह में या माह में एक बार किसी गरीब बस्‍ती में हेल्‍थ चैकअप के लिए चले जाएं, अगर आप गृहणी हैं तो घर पर काम करने वाली बाई के बच्‍चों को पुरानी किताबें, स्‍कूल बैग और ऐसे संसाधन उपलब्‍ध करा दें कि उनके बच्‍चे शिक्षा हासिल कर सकेंआप अपने हूनर या अनुभव को भी दूसरों के साथ साझा कर खुशियां बांट सकते हैं। किसी को रोड क्रॉस कराकर, किसी के लिए लिफ्ट रोककर या किसी जरूरतमंद को भोजन करा कर भी आप मदद कर सकते हैं। आप यकीन नहीं करेंगे कि ऐसा करने के बाद आपके दिल को कितना सुकून मिलेगा। बस एक बात का ध्‍यान रखें किसी की उतनी ही सहायता करें कि न तो वह आप पर आश्रित हो न ही वह उसका दुरूपयोग करे



आज हमारे आसपास काफी नकारात्‍मकता है, कई लोग मतलबी हैं और इंसानियत के मूल्‍यों में लगातार ह्रास हो रहा हैइन सबके बीच मानवीय मूल्‍यों को स्‍थापित करने का एक ही तरीका है वह है किसी की मदद करना। जैसे-जैसे हम दूसरों की मदद करेंगे, उनमें भी किसी की मदद करने की आशा जागेगी और एक सकारात्‍मकता की चेन आगे बढ़ने लगेगी इस चेन में खुश‍ियों की कडि़यां तेजी से जुड़ती चली जाएंगी

आपने अनुभव किया होगा कि दीपक जलाने का कार्य कितना सुखकर होता है, दीये की लौ आत्‍मा के भीतर जाकर मन में उल्‍लास भर देती है इसी तरह किसी की मदद होती है, जब हम किसी की सहायता करते हैं तो जीवन में आनंद भर जाता हैउस परमात्‍मा का धन्‍यवाद करें कि उसने हमें किसी को कुछ देने के काबिल बनाया है, याद रखिए वह फरिश्‍ते ही होते हैं जो किसी के चहरे पर मुस्‍कुराहट ला पाते हैं

टिप्पणियाँ

  1. मदद सहयोग सहायता इन सब पर लिखा गया आप का उपरोक्त लेख मेरे जैसे कई युवाओं के लिए प्रेरणा है

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  2. सुकून हम भौतिक संसाधनों में ढूंढते हैं ,और असली सुकून सेवा में है। यह छोटी सी बात कही समझ ही नहीं आती। इसी को समझाने का सार्थक प्रयास करता आपका लेख 🙏🙏🙏

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  3. सही है, कई बार सबकुछ होते हुए भी हमे सुकून नहीं मिलता है।।👌🏻👍

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  4. क्या बात है सुमित जी बहुत ही शानदार यह बात तो दिल को छू लेने वाली है कि किसी की मदद करो किसी भी रूप में कहीं ना कहीं दिल को मन को हृदय को सुकून पहुंचाती है आज हम आपकी प्रतीक्षा में थे सुबह की 8:00 बजे की चाय के साथ ब्लॉक पर कुछ नई चीज देखने को सोचने को मिलेगी आज आप किसी कारणवश लेट हो गए हो

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  5. एक अच्छी पहल है,,,जो समाज मे नई सकारात्मकता लायेगी।

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  6. आप के लेख प्रेरणा दायक है इनको पढ़कर अच्छा लगता है

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  7. सुमित जी सटीक बात कही आपने जीवन मे सबसे कठिन है सुकून कमाना ।

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  8. दूसरों की सहायता करके जो संतोष प्राप्त होता है वह अमूल्य होता है

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