जग में रह जाएंगे प्‍यारे तेरे बोल



हम जीवन में अक्‍सर चाहते हैं कि लोग हमारी पीठ पीछे हमारे बारे में अच्‍छी बातें करेंयहां तक की हम यह भी सोच लेते हैं कि दुनिया से हमारे जाने के बाद रिश्‍तेदारदोस्‍त और समाज हमारे अच्‍छे कार्यों को याद कर हमारी चर्चा करें लेकिन क्‍या हम अपने कार्यों का संचालन भी उसी तरह करते हैंजैसा हम अपने संबंध में सुनना चाहते हैं आज हम इसी बात पर संवाद करेंगे। वास्‍तव में हमारे कार्य और व्‍यवहार हमारे पीछे हमारी चर्चा का कारण बनते हैं। हमेशा याद रखिए इस दुनिया से चले जाने के बाद भी जग में रह जाते हैं सिर्फ हमारे कार्य और हमारे बोल…

हम सबको एक दिन इस दुनिया से जाना है कल्‍पना कीजिए किसी दिन हमें पता चले कि अब हम इस दुनिया में नहीं हैं। हमारी आत्‍मा शरीर को छोड़ चुकी है और हम आत्‍मा के रूप में इस दुनिया को देख रहे हैं। उस समय आपके मन में क्‍या विचार आएंगे कि अरे मैंने कभी अपनी पत्‍नी से यह कहा ही नहीं कि तुम बहुत सुंदर होकभी अपने बच्‍चों की काबिलियत की तारीफ नहीं कीपरिवार को यह बताया ही नहीं कि उनके भविष्‍य के लिए मैंने यह योजना बनाई है या खुद के लिए मैंने यह ट्रीपफुड या कोई चीज पसंद करके रखी थी जो खरीद ही नहीं पाया। दुनिया से जाने के बाद आप इनमें से कुछ नहीं कर सकते लेकिन आज कर सकते हैं। अपनी चाहतों को आज ही पूरा कर लीजिएअपने अपनों को अहसास कराईये कि आप उनसे प्‍यार करते हैंमस्‍ती में झूम लीजिए और मजा लीजिए इस खुशनुमा जिंदगी काक्‍योंकि यह पल दोबारा नहीं मिलने वाले।

हम में से किसी को नहीं पता कि हमारा जीवन कितना लंबा है लेकिन जिंदगी को बड़ा करना हमारे हाथ में है। हम इस छोटी सी जिंदगी को अपनी सोच के दायरों से ओर छोटा कर लेते हैं। कभी स्‍वार्थ में तो कभी अहंकार मेंकभी लालच में तो कभी क्रोध में। हम भूल जाते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी हमेशा नहीं रहेगाहम भी नहीं और हमारा पॉवरपैसा और पद भी नहीं। कई बार अहंकार या स्‍वार्थवश हुई गलतियों का पचतावा हमें हमेशा रहता है और हम सोचते ही रह जाते हैं कि इसे कैसे सुधारेंकई बार इस सोच में सारी उम्र बीत जाती है और जीवन के अंतिम पड़ाव पर भी हमारे मन में कई अफसोस रह जाते हैं। यह अफसोस जिंदगी को कमजोर न करें इसके लिए इन्‍हें आज ही सुधार लें।

 

ऐसे करें खुद का आकलन


Ø  सबसे पहले तीन बिंदू लिखें कि आपके इस दुनिया से जाने के बाद आप क्‍या सोचते हैं कि आपका परिवारदोस्‍त और समाज आपके बारे में क्‍या बातें करें

 

Ø  इन तीनों बातों को लिखने के बाद वास्‍तविकता से तुलना करें कि जो आप अपने बारें में सुनना चाहते हैं क्‍या आप उसी तरह का व्‍यवहार कर रहे हैं इस दुनिया से

 

Ø  अगर हां तो बेहतर है इसे आगे बढ़ाएं और नहीं तो तुरंत सुधार करें और जो आप लोगों से अपने बारे में सुनना चाहते हैं उसी तरह का व्‍यवहार करना शुरू करें

 

Ø  अगर पत्‍नी से कहना चाहते हैं कि तुमने हर कदम मेरा साथ दियाअगर बच्‍चों से कहना चाहते हैं कि तुम्हारी काबिलीयत पर गर्व है तो आज ही कह दें

 

Ø  अगर कोई गलती हो गई हैभूलवश किसी का दिल दुखा दिया है या किसी मिसकम्‍युनिकेशन या मिसअंडरस्‍टेंडिंग के कारण किसी अपने से बात बंद है तो आज ही बात कीजिए और बातों को क्‍लीयर कर लीजिए

 

Ø  याद रखिए जीवन में जो समय अभी चल रहा है वह दोबारा नहीं आएगा तो जिसे जो कहना हैजो करना है अभी कर लीजिए। क्‍या पता, जो है समां कल हो न हो…


आपका सुमित

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